Khooni Bawaseer Ka Ilaaj

जिनको भी khooni bawaseer की दिक्कत है उन्हें toilet में खून गिरता है और सरीर कमजोर हो जाता है । अगर आपको भी इस तकीके का कोई problem है तो इसे बिलकुल भी नजरअंदाज न करे। khooni bawaseer को रोकना बहुत जरुरी है वरना ये आपके body में blood की कमी का कारन बन सकता है और इससे और भी कई तरह के बीमारियां हो सकती हैं। कई लोगो को सालो साल तक khooni bawaseer की दिक्कत रहती है, कोई भी दवाई का और यहाँ तक की ऑपरेशन करने पर भी फ़ायदा नहीं करता ।

क्या है Khooni Bawaseer ?

खूनी बवासीर या ब्लीडिंग पाइल्स होने पर गुदा के आसपास या अंदर की नसों में से कोई नस टूट जाती है जिससे खून का बहाव होता है। यह एक प्रकार का बवासीर होता है जो गुदा के ऊपरी हिस्से में होता है। इस रोग में गुदा के बाहरी भाग में फोड़े बन जाते हैं जो खून देने वाले होते हैं।

खूनी बवासीर के मुख्य लक्षणों में गुदा से खून के साथ जलन, खुजली और दर्द शामिल होते हैं। यह रोग उन लोगों में अधिक होता है जो उम्रदराज, गर्भवती महिलाएं और लोगों में से होते हैं जो बैठे रहते हैं।

खूनी बवासीर के उपचार में अक्सर दवाई या बवासीर के बाहरी भाग में से निकालने वाले फोड़ों को हटाने के लिए सर्जरी की जरूरत होती है। इसके अलावा आप अपने खान-पान को स्वस्थ बनाए रखने के लिए फल, सब्जी और पानी की अधिक मात्रा का सेवन कर सकते हैं।

इस ब्लॉग में हम बात करेंगे की khooni bawaseer को control करेने का सबसे best तरीका क्या है ।

खूनी बवसीर का कारण क्या है

खूनी बवासीर के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

  1. कब्ज: कब्ज खूनी बवासीर का मुख्य कारण होता है। कब्ज से पाचन तंत्र में असमंजस का बनना शुरू हो जाता है और आंत की नसों में दबाव बढ़ता है। इससे बवासीर की नस फूलने लगती हैं जो बाद में खूनी बवासीर का रूप ले लेती हैं।
  2. अल्पाहार: लम्बे समय तक खाने-पीने में कमी रखने से खूनी बवासीर हो सकता है। इसके लिए अन्य कारणों के साथ साथ पाचन तंत्र में बदलाव और आंत की नसों में दबाव बढ़ना भी जिम्मेदार होता है।
  3. गर्भावस्था: गर्भवती महिलाओं को भी खूनी बवासीर होने का खतरा बना रहता है। इसमें गर्भधारण के दौरान पेट में दबाव बढ़ने से आंत की नसों में अस्थिरता हो जाती है जिससे बवासीर का खतरा बढ़ जाता है।
  4. बैठने की लंबी अवधि: लंबी समय तक बैठे रहने से गुदा की नसों में दबाव बढ़ता है जो बवासीर का कारण बना सकता है। इसलिए, बैठने की अवधि को कम करना बहुत महत्वपूर्ण है।
  5. वैद्यकीय समस्याएं: कुछ वैद्यकीय समस्याएं भी खूनी बवासीर के कारण हो सकती हैं, जैसे गुर्दे की पथरी, किडनी इन्फेक्शन या हेमोफिलिया जैसी रक्त संबंधी बीमारियां।
  6. व्यायाम की कमी: अनियमित व्यायाम करने से आंत की नसों में दबाव बढ़ता है जो बवासीर के रूप में प्रकट हो सकता है।
  7. ये थे कुछ मुख्य कारण जिनसे खूनी बवासीर हो सकता है। इससे बचने के लिए नियमित व्यायाम करें, सही तरीके से खाएं, पानी की अधिक मात्रा में सेवन करें, फाइबर युक्त आहार लें और कब्ज को न बनने दें।

Khooni Bawaseer का घरेलु इलाज

ये घरेलु नुस्के को अपनाये आपको 100% फ़ायदा होगा

  1. कत्था सफ़ेद जो पैन के दुकान में मिलता है उसे 100g लाये
  2. 100g लाजबन्ती क बीज
  3. 100g इसबगोल की भूसी
  4. 100g अलसी
  5. 100g सफेद गोंद मोरिंगा

मोरिंगा सफ़ेद ही आपको लेना है, लाल या पीला कोई दे तो उसे नहीं लेना है। आप ऊपर दिए लिंक से खरीद सकते हैं

ये सभी 5 चीजों को मिलके उसका पाउडर बनाये और 1g सुबह नास्ते में और शाम को खाने के बाद गुनगुने पानी क साथ ले । 1-2 हफ्ते में आपको फरक दिकने लगेगा । अगर फ़ायदा काम नजर आये या काम नहीं कर रहा हो लगे तो आप 2g की मात्रा में ले, लेकिन पहले 1g से ही सुरु करे ।

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