अष्टांग योग (Ashtanga Yoga) का एक प्राचीन रूप है जिसे भारतीय ऋषि, श्री पतंजलि द्वारा विकसित किया गया था।
अष्टांग योग (Ashtanga Yoga) मुद्रा की एक श्रृंखला है जिसे शरीर के विभिन्न भागों पर काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। अष्टांग योग (Ashtanga Yoga) में आसनों का क्रम और संख्या एक निश्चित नियम में निर्धारित की जाती है।
अष्टांग योग (Ashtanga Yoga) में प्रयुक्त एक प्राथमिक तकनीक को सूर्य नमस्कार के रूप में भि जाना जाता है। इसमें बारह उत्तरोत्तर अधिक चुनौतीपूर्ण आंदोलन होते हैं जो छोटे (नमस्कार कहा जाता है) से शुरू होते हैं |
लोगों के लिए अष्टांग योग (Ashtanga Yoga) करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शुरुआती लोगों के लिए व्यायाम के सबसे प्रभावी रूपों में से एक माना जाता है।
अष्टांग योग (Ashtanga Yoga) के लाभ क्या क्या है :
: बेहतर लचीलेपन से लेकर ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने और डिप्रेशन में मदद करने तक योग के फयदे है , जैसा कि योग के अधिकांश रूपों में होता है |
:यह आप का फोकस और रचनात्मकता बढ़ाने मै मदत करता है |
:यह आपकी समग्र भढाने में आप कि मदत करता है |
:यह पाया गया है कि हर दिन 45 मिनट तक अष्टांग योग (Ashtanga Yoga) करने से आपको वजन कम करने, बेहतर नींद लेने, मूड में सुधार और अवसाद से लड़ने में मदद मिल सकती है।
:जो लोग नियमित रूप से अष्टांग योग (Ashtanga Yoga) करते हैं उनमें हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और अवसाद विकसित होने का जोखिम कम होता है। योग तनाव के स्तर को कम करने में भी मदद करता है।
:अष्टांग योग (Ashtanga Yoga) केवल एक शारीरिक व्यायाम नहीं है। यह एक आध्यात्मिक अभ्यास है जो हमें सिखाता है कि हम अपने मन, शरीर और आत्मा को कैसे विकसित करें।
:अष्टांग योग (Ashtanga Yoga) आत्म-सम्मान, तनाव के स्तर, श्वास और यहां तक कि आपके मूड को बेहतर बनाने में मदद करता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अष्टांग योग (Ashtanga Yoga) केवल अभ्यास के भौतिक पहलू के बारे में नहीं है। अष्टांग योग (Ashtanga Yoga) आपको स्वस्थ और पूर्ण जीवन जीने का तरीका भी सिखाता है।
स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अच्छी मुद्रा महत्वपूर्ण है।
अष्टांग योग (Ashtanga Yoga) करते समाये कुछ बातों का ध्यान रखे :
फर्श से दीवार पर आगे-पीछे न कूदें।
आगे या पीछे ज्यादा झुकें नहीं।
रीढ़ को ज्यादा मोड़ें नहीं।
किसी भी मुद्रा में ओवररीच या ओवरस्ट्रेच न करें।
जितना हो सके उतना ही करे आपने बॉडी को ओवर पुस न करें।
जो भी समझ न आये उसे फिर से देखे और करे कोई भी स्टेप आपने मान से न करें।
ऐसा कुछ भी न करें जो असहज महसूस हो या जिसे करने में आपको आत्मविश्वास महसूस न हो |
आसनों का अभ्यास करते समय अपनी सांस को रोककर न रखें। यह आपको मुद्रा से बाहर निकाल देगा और मांसपेशियों और जोड़ों को तनाव देगा |
अष्टांग योग (Ashtanga Yoga) अभ्यास मुख्य रूप से हठ योग है, जो शारीरिक और मानसिक शक्ति, लचीलेपन और शरीर की शुद्धि पर केंद्रित है।